```
s
By: RF Competition   Copy   Share  (130) 

मैया, मोहिं दाऊ बहुत खिझायो― सूरदास

7138

"सूर के बालकृष्ण"

मैया, मोहिं दाऊ बहुत खिझायो।
मोसों कहत मोल को लीनो, तोहि जसुमति कब जायो।
कहा कहौं यहि रिसके मारे, खेलन हौं नहिं जात।
पुनि पुनि कहत कौन है माता, को है तुमरो तात।
गोरे नंद जसोदा गोरी, तुम कत स्याम सरीर।
चुटकी दै दै हँसत ग्वाल सब, सिखै देत बलबीर।
तू मोही को मारन सीखी, दाऊ कबहुँ न खीझै।
मोहन को मुख रिस समेत लखि, जसुमति सुनि-सुनि रीझै।
सुनहु कान्ह बलभद्र चबाई, जनमत ही को धूत।
सूर श्याम मो गोधन की सौं, हौं माता तू-पूत।

हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।।
1. बीती विभावरी जाग री― जयशंकर प्रसाद
2. मैया मैं नाहीं दधि खायो― सूरदास
3. मैया कबहिं बढ़ैगी चोटी― सूरदास
4. बानी जगरानी की उदारता बखानी जाइ― केशवदास

संदर्भ― प्रस्तुत पद्यांश 'सूर के बालकृष्ण' नामक शीर्षक से लिया गया है। इसकी रचना महाकवि 'सूरदास' ने की है।

हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।।
1. व्याकरण क्या है
2. वर्ण क्या हैं वर्णोंकी संख्या
3. वर्ण और अक्षर में अन्तर
4. स्वर के प्रकार
5. व्यंजनों के प्रकार-अयोगवाह एवं द्विगुण व्यंजन
6. व्यंजनों का वर्गीकरण
7. अंग्रेजी वर्णमाला की सूक्ष्म जानकारी

प्रसंग― प्रस्तुत पद्यांश में बालक श्री कृष्ण माँ यशोदा को उपालंभ देते हुए कहते हैं, कि बलदाऊ उन्हें बहुत चिढ़ाते हैं।

हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।।
1. लिपियों की जानकारी
2. शब्द क्या है
3. लोकोक्तियाँ और मुहावरे
4. रस के प्रकार और इसके अंग
5. छंद के प्रकार– मात्रिक छंद, वर्णिक छंद
6. विराम चिह्न और उनके उपयोग
7. अलंकार और इसके प्रकार

महत्वपूर्ण शब्द― दाऊ- बलराम, मोल लेना- खरीदना, जसुमति- यशोदा, जायो- जन्म दिया, रिसके- क्रोध के कारण, तात- पिता, स्याम सरीर- साँवला शरीर, बलबीर- बलराम, रीझै- मोहित होना, चबाई- चुगलखोर या निंदक, धूत- धूर्त या बदमाश, सौं- सौंगध, हौं- मैं, जनमत- जन्म से, पुत- पुत्र।

हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।।
1. शब्द क्या है- तत्सम एवं तद्भव शब्द
2. देशज, विदेशी एवं संकर शब्द
3. रूढ़, योगरूढ़ एवं यौगिकशब्द
4. लाक्षणिक एवं व्यंग्यार्थक शब्द
5. एकार्थक शब्द किसे कहते हैं ? इनकी सूची
6. अनेकार्थी शब्द क्या होते हैं उनकी सूची
7. अनेक शब्दों के लिए एक शब्द (समग्र शब्द) क्या है उदाहरण
8. पर्यायवाची शब्द सूक्ष्म अन्तर एवं सूची
9. शब्द– तत्सम, तद्भव, देशज, विदेशी, रुढ़, यौगिक, योगरूढ़, अनेकार्थी, शब्द समूह के लिए एक शब्द
10. हिन्दी शब्द- पूर्ण पुनरुक्त शब्द, अपूर्ण पुनरुक्त शब्द, प्रतिध्वन्यात्मक शब्द, भिन्नार्थक शब्द
11. द्विरुक्ति शब्द क्या हैं? द्विरुक्ति शब्दों के प्रकार

व्याख्या― बालक श्रीकृष्ण अपनी माँ यशोदा को उपालंभ देते हुए कहते हैं, कि माँ मुझे दाऊ बहुत चिढ़ाते हैं। वे मुझे कहते हैं कि माँ ने तुझे कब जन्म दिया। उन्होंने तुझे खरीदा है। ऐसा कहकर वे मुझे बार-बार चिढ़ाते हैं। इसके कारण मुझे क्रोध आ जाता है। इसीलिए मैं खेलने नहीं जाता। दाऊ मुझे बार-बार कहते हैं कि तुम्हारे माता-पिता कौन हैं। वे कहते हैं कि नंद बाबा और माँ यशोदा दोनों ही गोरे हैं और तेरा शरीर साँवला है। अतः तू नंद बाबा और माँ यशोदा का पुत्र नहीं है। ऐसा कहकर और चुटकी दे-देकर सभी ग्वाल-बाल मुझ पर हँसते हैं और मुझे चिढ़ाते हैं। इन सभी ग्वाल-बालों को दाऊ चिढ़ाना सिखाते हैं। माँ तू भी सिर्फ मुझे ही मारना सीखी है। तू कभी दाऊ पर नाराज नहीं होती। बालक श्री कृष्ण के क्रोध से भरे हुए इस मुखमंडल को देखकर और उनकी बातें सुनकर माँ यशोदा उन पर मोहित हो जाती है। अपने पुत्र की ये सभी बातें सुनकर माँ यशोदा कहती हैं कि सुन कान्हा! बलराम तो जन्म से ही धूर्त और बदमाश है। वह चुगलखोर है। सूरदास के अनुसार माँ यशोदा बालक श्री कृष्ण से कहती हैं, कि मैं समस्त गायों की सौगंध खाकर कहती हूँ कि मैं ही तेरी माता हूँ और तू ही मेरा पुत्र है।

हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।।
1. 'ज' का अर्थ, द्विज का अर्थ
2. भिज्ञ और अभिज्ञ में अन्तर
3. किन्तु और परन्तु में अन्तर
4. आरंभ और प्रारंभ में अन्तर
5. सन्सार, सन्मेलन जैसे शब्द शुद्ध नहीं हैं क्यों
6. उपमेय, उपमान, साधारण धर्म, वाचक शब्द क्या है.
7. 'र' के विभिन्न रूप- रकार, ऋकार, रेफ
8. सर्वनाम और उसके प्रकार

काव्य-सौंदर्य― 1. ब्रज भाषा का प्रयोग किया गया है।
2. बाल मनोभावों का अनूठा चित्रण किया गया है।
3. अनुप्रास और पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार का प्रयोग किया गया है।
4. प्रस्तुत पद्यांश वात्सल्य रस का उत्कृष्ट उदाहरण है।

इन प्रकरणों 👇 के बारे में भी जानें।
1. मित्र को पत्र कैसे लिखें?
2. परिचय का पत्र लेखन
3. पिता को पत्र कैसे लिखें?
4. माताजी को पत्र कैसे लिखें? पत्र का प्रारूप
5. प्रधानपाठक को छुट्टी के लिए आवेदन पत्र

आशा है, उपरोक्त जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी।
धन्यवाद।
R F Temre
rfcompetition.com





आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।
(I hope the above information will be useful and important. )
Thank you.

R. F. Tembhre
(Teacher)
infosrf.com

Comments

POST YOUR COMMENT

Categories

Subcribe